जेएनयू में क्यों-क्या, कब और कैसे हुआ, पांच पॉइंट्स में जानें पूरा घटनाक्रम
विस्तार
जेएनयू में BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर बवाल जारी है। देर रात तक यहां छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स का आरोप है कि यहां कैंपस प्रशासन ने पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को रोकने के लिए बिजली काट दी और इंटरनेट बंद कर दिया। इसके खिलाफ जब छात्रों ने मार्च निकाला, तो उन पर पत्थरबाजी की गई।
इन घटनाओं के बीच देर रात छात्रों ने वसंत कुंज पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया। बाद में पुलिस की एक टीम जेएनयू कैंपस भी पहुंची और छात्रों की शिकायत दर्ज की। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं है कि यह घटनाक्रम में कब, क्या, क्यों और कैसे हुआ। आइये पांच पॉइंट्स में जानते हैं....
जेएनयू में क्या हुआ?
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी ) की ओर से तैयार डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया है। यह गुजरात दंगों पर आधारित है। इसमें सीरीज के माध्यम से झूठे नेरेटिव फैलाने का आरोप है। इसी कड़ी में जेएनयू प्रशासन ने भी कैंपस में डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी मंगलवार देर शाम वामपंथी छात्रों के एक गुट ने मोबाइल पर सरकार द्वारा प्रतिबंधित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की कोशिश की, जिस पर यह बवाल हुआ।
कैंपस में बवाल की शुरुआत कैसे हुई?
छात्रों ने रात नौ बजे स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के लॉन में डॉक्यूमेंट्री देखने की बात कही थी। लेकिन रात 7:30 बजे अचानक तकनीकी खामी के कारण पूरे कैंपस की बिजली गुल हो गई। छात्रों ने आरोप लगाया कि कैंपस प्रशासन ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को रोकने के लिए ही बिजली और इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया। इसके बाद छात्र नौ बजे मोबाइल पर एक-दूसरे को लिंक साझा करते हुए मोबाइल टार्च की रोशनी में लैपटॉप और मोबाइल पर डॉक्यूमेंट्री देखने लगे।
यूनिवर्सिटी में क्यों फैला तनाव?
छात्रों का आरोप है कि सीरीज देखने के दौरान अंधेरे में उन पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने चेहरा ढककर पथराव भी किया। इनमें से दो छात्रों को उन्होंने पकड़ लिया। जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष का कहना है कि एबीवीपी ने पथराव किया है लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है। दूसरी ओर पथराव को लेकर एबीवीपी से जुड़े छात्रों का कहना है कि क्या आरोप लगाने वाले इन लोगों के पास कोई सबूत है कि हमने पथराव किया? हमने कोई पथराव नहीं किया है।
कैसे नियंत्रण में की गईं स्थितियां
डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बाद स्थितियां बिगड़ती देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बुला ली। इससे छात्र नाराज हो गए। इस पूरे वाकये के दौरान छात्रों के एक गुट ने कैंपस से वसंत कुंज तक विरोध मार्च भी निकाला। पुलिस की एक टीम देर रात कैंपस भी पहुंची और छात्रों की शिकायत दर्ज की। इस मामले में अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है। पुलिस की ओर से पथराव की पुष्टि नहीं की गई। दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर हमे जेएनयू की तरफ से कोई शिकायत मिलेगी तो जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से क्या सवाल पूछे?
छात्रों ने मंगलवार शाम को डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के एलान के साथ जेएनयू प्रशासन को नोटिस दिया और तीन सवाल भी पूछ लिए। इसमें पहला, विश्वविद्यालय प्रशासन बताएं कि जेएनयू एक्ट में कहां लिखा है कि यदि किसी फिल्म की स्क्रीनिंग होती है तो यह नियमों की अवहेलना है। दूसरा- जेएनयू प्रशासन बताए कि एक्ट में कहां लिखा है कि किसी फिल्म को देखने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति लेने की जरूरत है और तीसरा- जेएनयू प्रशासन ने किस एक्ट के आधार पर छात्रों को यह नोटिस भेजा है। आखिर में छात्रों ने लिखा है कि यहां शामिल होने वाले सभी छात्र अपनी मर्जी से पहुंचे थे। हमारा मकसद किसी को नुकसान या भावनाएं आहत करना नहीं था। हमारा मकसद सिर्फ फिल्म की पटकथा को जानना था, जिसके कारण इस रोक लगाई गई है।