मुजफ्फरनगर कोर्ट ने बुधवार को जानलेवा हमले के मामले में पूर्व विधायक और भाजपा नेता उमेश मलिक सहित सात आरोपियों पर आरोप तय कर दिए। पूर्व विधायक ने अपने आप को बेगुनाह बताते हुए कानून में आस्था जताई। मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगे से कुछ दिन पहले 20 अगस्त 2013 को थाना शाहपुर क्षेत्र के सौरम में छेड़छाड़ को लेकर विवाद हो गया था। पूर्व विधायक उमेश मलिक 20 अगस्त को अपने समर्थकों के सौरम पहुंचे थे। विवाद के बाद सौरम निवासी बाली ने पूर्व विधायक उमेश मलिक, सुधीर प्रधान, विजेंदर चेयरमैन, मनीष प्रधान, नवराज और मास्टर रामपाल एवं सम्राट के विरुद्ध जानलेवा हमला करने सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। थाना शाहपुर पुलिस ने मामले की विवेचना कर साक्ष्य न मिलने की बात कहते हुए कोर्ट में क्लोजिंग रिपोर्ट लगा दी। जिसके विरुद्ध पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोपियों को तलब करने की मांग की। 27 सितंबर को सभी आरोपी सिविल जज सीनियर डिवीजन मयंक जायसवाल की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की थी। बचाओ पक्ष के अधिवक्...